IPC 149 in Hindi:- दोस्तों आपने कई बार ऐसे अपराध और घटना के बारे में सुना होगा, की अपराध किसी एक आदमी के द्वारा किया जाता है लेकिन उसके साथ-साथ जो लोग उस अपराध में शामिल होते हैं उन्हें भी बिना कुछ किये समान रूप से दोषी मानकर सजा दी जाती है। ऐसे अपराधों के बारे में लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं क्योंकि बहुत बार ऐसा देखा गया है की अच्छी जानकारी न होने के कारण बहुत से लोग गलत चीज में बिना कुछ किये ही फंस जाते हैं।
इसलिए इस लेख के द्वारा हम आपको भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली एक ऐसी धारा के बारे में बात करेंगे जो आपको इन घटनाओं से रूबरू कराएगी। इस लेख में हम धारा 149 क्या है? IPC Section 149 में सजा और जमानत कैसे मिलती है? पर बात करेंगे।
कभी-कभी हम लोग ऐसी परिस्थिति में आ जाते हैं जिसमें अपराध कोई ओर करता है और सजा हमें भी मिल जाती है। इसलिए अगर आप ऐसे अपराध से संबंधित आईपीसी सेक्शन के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस लेख को ध्यान से पूरा अंत तक पढ़े।
IPC 149 in Hindi – आईपीसी की धारा 149 क्या है? – आईपीसी की धारा 149 कब लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 149 में यह बताया गया है कि पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह जिसका मकसद समाज में गैर कानूनी काम करके अशांति फैलाने और संकट लाने का है यानी अपराध करने का है। अगर अपराध उस समूह में से किसी एक सदस्य के द्वारा किया जाता है जिस अपराध करने का इरादा उन जनसमूह में मौजूद सभी लोगों का एक सामान था तो उस जनसमूह के सभी सदस्य को उस अपराध के लिए दोषी माना जाएगा।
इसे और भी सरल और आसान भाषा में समझे तो इसका अर्थ यह होता है कि अगर पांच या पांच से अधिक लोग एक समूह में है और उस समूह का कोई एक व्यक्ति किसी व्यक्ति को मार देता है या कोई गैरकानूनी अपराध कर देता है तो उस समूह के सभी लोगों को अपराधी माना जाएगा।
IPC 149 अपराध का उदाहरण-
एक दिन आशीष किसी लड़के के साथ झगड़ा कर लेता है जिसमें आशीष को मार पड़ती है। इसके बाद आशीष उस लड़के से बदला लेने के इरादे से अपने दोस्तों के साथ उसे मारने जाता है। आशीष अपने सभी दोस्तों को बोलता है कि उस लड़के ने मेरे साथ झगड़ा किया है इसलिए उसको सबक सिखाना है। इसके बाद आशीष और उसके चारों दोस्त मिलकर उस लड़के के साथ मारपीट करने चले जाते हैं। जब आशीष उसे लड़के के साथ मारपीट करता है तो उस वक्त उस लड़के को गंभीर चोट लग जाती है जिसके कारण से वह मर जाता है।
इसके बाद आशीष और उसके दोस्त वहां से भाग जाते हैं। कुछ वक्त के बाद आशीष के घर पर पुलिस आती है और उस लड़के की मृत्यु के आरोप में उसे पकड़ती है। आशीष के साथ-साथ पुलिस आशीष के चारों दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लेती है। इसके बाद न्यायालय द्वारा कहा जाता है कि सभी लड़के आशीष के साथ सामान्य इरादे के साथ वहां गए थे। इस कारण आशीष व उसके चारों दोस्तों को धारा 149 के अंतर्गत दोषी पाया जाता है और उन्हें दंडित किया जाता है।
धारा 149 में सजा का प्रावधान क्या है? (What is the punishment provision of section 149?)
आईपीसी की धारा 149 में सजा के बारे यह बताया गया है कि किसी भी समूह में से अगर कोई एक भी व्यक्ति अपराध करेगा तो उसे और उसके पूरे समूह के सभी लोगों को किए गए अपराध के अनुसार सजा दी जाएगी।
इसका मतलब यह है कि अगर 5 या 5 से ज्यादा लोगों का समूह है और उसमें से कोई एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचा देता है तो सभी को चोट पहुंचाने की धारा के अंतर्गत सजा दी जाएगी। इसी प्रकार व्यक्ति द्वारा कोई भी अपराध किया जाता है जैसे चोरी, मृत्यु आदि तो पूरे समूह को इन अपराध के अनुसार सजा मिलेगी।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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विधिविरुद्ध जमाव का हर सदस्य, सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में किए गए अपराध का दोषी | किये गए अपराध के समान | किये गए अपराध के समान | इसमें जमानत अपराध अनुसार होगी। | उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है। |
धारा 149 मे जमानत का क्या प्रावधान है? (What is the provision of bail in section 149?)
भारतीय दंड संहिता की धारा 149 में जमानत का फैसला इसी आधार पर दिया जाता है की जनसमूह के व्यक्तियों ने जो अपराध किया है उस केस में जमानत का फैसला उस अपराध के अनुसार होगा। इसमें जमानत को अपराध के अनुसार ही देखा जाता है कि आरोपी ने कौन सा अपराध किया है और आरोपी पर आईपीसी की कौन सी धारा का इस्तेमाल किया गया है। अगर आरोपी द्वारा किये गए अपराध की धारा जमानतीय होगी तो जमानत आसानी से मिल जाएगी अगर धारा जमानतीय नहीं है तो जमानत मिलने में कठनाई का सामना करना पड़ेगा।
IPC 149 में बचाव के लिए कुछ जरूरी बातें-
- सबसे पहले आपको इस धारा से बचने के लिए गैर कानूनी समूह से दूर रहना है।
- अगर आपका कोई दोस्त किसी भी प्रकार के झगड़े में बुलाता है तो उससे आपको खुद का बचाव करना है और नहीं जाना है।
- अगर आपका कोई दोस्त गैर कानूनी काम करता है और गलत लोगों के साथ रहता है तो उसे तुरंत दूरी बना ले।
- बहुत बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति आपको बिना कुछ बताएं कहीं जाने के लिए कहता है और वहां जाकर अपराध कर देता है तो इसमें आपको भी अपराधी माना जाएगा इसलिए सबसे पहले आपको जान लेना है कि किस कारण से आप जा रहे हैं।
- अगर आप ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं जहां आपने कुछ नहीं किया है और आप उस समूह के बारे में नहीं जानते हैं तो आप समझदारी से काम ले। और अपनी बात पुलिस के समक्ष रखे।
- अगर आप ऐसे केस में फंस जाते हैं तो सबसे पहले एक अच्छे वकील को अपने केस के बारे में बताएं जो आपको इन परिस्थितियों से निकालने में मदद करेगा।
निष्कर्ष:
दोस्तों ऊपर दिए लेख में हमने आपको बहुत ही आसान और सरल भाषा में बताया है की IPC 149 क्या है? इस अपराध के मामले में कितनी सजा होती है और इस केस में जमानत कैसे मिलती है? उम्मीद करता हूं कि यह लेखक को पसंद आया होगा और इससे आपको अच्छी जानकारी भी मिली होगी। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरा नाम आशुतोष चौहान हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट ब्लॉग वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूँ। मैं एक Professional blogger भी हूँ। मुझे लॉ से संबंदित आर्टिकल लिखना पसंद है।