आज मैं आपके लिए IPC 82 in Hindi की जानकारी लेकर आया हूँ, पिछली पोस्ट में हमने आपको आईपीसी (IPC) की काफी सारी धाराओं के बारे में बताया है। अगर आप उनको पढ़ना चाहते हो, तो आप पिछले पोस्ट पढ़ सकते है। अगर आपने वो पोस्ट पढ़ ली है तो, आशा करता हूँ की आपको वो सभी धाराएं समझ में आई होंगी ।
![IPC 82 in Hindi। धारा 82 क्या है?। सजा, जमानत, बचाव । उदाहरण के साथ 1 IPC 82 in Hindi](https://courtjudgement.in/wp-content/uploads/2023/04/IPC-Section-82-in-Hindi.webp)
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 82 क्या होती है?
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 82 के अनुसार:-सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :- “कोई बात अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है।”
As per section 82 of IPC (Indian Penal Code) :-Act of a child under seven years of age :- “Nothing is an offence which is done by a child under seven years of age.”
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IPC 82 in Hindi – ये धारा कब लगायी जाती है?
ऊपर जो डेफिनेशन दी गयी है, वो कानूनी भाषा में दी गयी है, शायद इसको समझने में परेशानी आ रही होगी। इसलिए इसको मैं थोड़ा सिंपल भाषा का प्रयोग करके समझाने की कोशिश करता हूँ।
दोस्तों आज हम बात करेंगे IPC Section 82 की, जो कहती है, अगर बच्चे की उम्र सात साल से कम है, और वह कोई अपराध कर देता है। तब उस बच्चे को क्या सजा होगी? मान के चलिए, एक पांच साल बच्चा है, उसने गलती से किसी को चाकू मार दिया या किसी को डंडा मार दिया या किसी की आंख फोड़ दी। अगर इस उम्र का बच्चा कोई अपराध कर देता है, चाहे वो दो साल का बच्चा है, चाहे वो तीन साल का बच्चा है, चाहे वो चार साल का बच्चा है, चाहे वो पांच साल का बच्चा है, चाहे वो छह साल का बच्चा है, चाहे उसकी उम्र सात साल की होने वाली है। अगर वह कोई अपराध कर देता है। तो उसको कोई भी सजा नहीं होगी। क्योंकि उसकी उम्र सात साल से कम है। इसको में एक उदारण देकर समझाता हूँ।
मान के चलिए, एक छह साल का बच्चा है, वो पड़ोस के घर में खेलते हुए गोल्ड की चैन उठा लाया। उस घर में कैमरे लगे हुए थे। पड़ोसी ने वो कैमरे में देख लिया और उस बच्चे पर चोरी का आरोप लगा दिया। ऐसे में बच्चे को चोरी के मामले में सजा नहीं मिलेगी भले ही पडोसी सबूत दिखाए। क्योंकि बच्चे की उम्र सात साल से कम है। उसको IPC Section 82 का फायदा मिलेगा।
निष्कर्ष:
मैंने IPC 82 in Hindi को सिंपल तरीके से समझाने की कोशिश की है। मेरी ये ही कोशिश है, की जो पुलिस की तैयारी या लॉ के स्टूडेंट है, उनको IPC की जानकारी होनी बहुत जरुरी है। ओर आम आदमी को भी कानून की जानकारी होना बहुत जरुरी है।
मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े…
धारा 83 आईपीसी के बारे में आपने व्याख्या क्यूं नहीं किया है
समय की कमी होने के कारण। लेकिन धीरे-धीरे सभी IPC पर आर्टिकल अपलोड किये जायेंगे।