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Neeru vs Vinay 498a Judgement

Ashutosh Chauhan by Ashutosh Chauhan
December 7, 2022
in Judgements, 498a Judgement
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498a judgement
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प्रस्तुत परिवाद परिवादिनी श्रीमती नीरू ने अभियुक्तगण विनय त्यागी, अमर सिंह त्यागी, अजय त्यागी, इन्दू त्यागी, राकेश त्यागी तथा पूनम त्यागी के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है।

संक्षेप में परिवादपत्र के कथानक इस प्रकार है कि परिवादिनी का विवाह दिनांक 11-2-2005 को विपक्षी विनय त्यागी के साथ हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार मय दान दहेज सम्पन्न हुआ था। उक्त विवाह में परिवादिनी के भाई, माता व रिश्तेदारों ने लगभग चार लाख रूपये खर्च किये थे। शादी के पश्चात ससुराल जाने के बाद से ही परिवादिनी को पता चला कि विपक्षी व उसके परिवार वाले अत्यन्त लालची किस्म के व दहेज लोभी हैं। परिवादिनी की शादी बिचोलिये राकेश त्यागी व उसकी पत्नी पूनम त्यागी ने झूठ बोलकर व धोखा देकर विपक्षी के साथ करायी थी। विपक्षीगण ने शादी के बाद से ही कहना शुरू कर दिया था कि उन्हें तो शादी में पांच लाख रूपये नकद व कार मिलने की उम्मीद थी किन्तु यहां तो कुछ भी नही मिला, अब उन्हें परिवादिनी से किसी तरह से पीछा छुडाना है। परिवादिनी ने अपने पति विनय त्यागी व श्वसुर को काफी समझाया कि वह गरीब विधवा मां की बेटी है तथा उसका एक छोटा भाई है, जो कि बेरोजगार है। उसकी मां तथा भाई और दहेज देने में असमर्थ है किन्तु विनय त्यागी व उसके पिता व परिवार वालों की समझ में नही आया तथा ये सभी परिवादिनी के साथ बदसलूकी का व्यवहार करने लगे। शादी के करीब 15 दिन बाद प्रार्थिनी की शादी के बिचोलिये वादिनी के ससुराल गये थे, तब वादिनी ने उनसे सारी बाते बतायी थी किन्तु उन्होनें भी विपक्षी व उसके परिवार वालों का पक्ष लिया था तथा कहा था कि वादिनी अपनी मां व भाई से कहकर विपक्षी व उसके परिवार वालों की मांग पूरी कर दे, नही तो ये उसे जान से मार देंगें। उस रात प्रार्थिनी को उसके पति विनय त्यागी ने बुरी तरह से मारा पीटा था। शादी के करीब दो महीने बाद विनय त्यागी ने वादिनी को मारा पीटा था, जिससे वादिनी को अन्दरूनी चोटें आयी थी, जिससे वादिनी को खाना खाने व पानी पीने में भी परेशानी होने लगी थी। तब वादिनी को विनय त्यागी व अमर सिंह यह कहकर मुरादनगर लाये थे कि या तो उनकी मांग को पूरा करवा देना नही तो अपनी मां व भाई के घर पर ही मर जाना तथा वापस चले गये। उस दिन से वादिनी की माता व भाई कई बार विपक्षी व उसके परिवार वालों को समझाने विपक्षी के घर जा चुके है किन्तु विपक्षीगण अपनी दहेज की मांग पर अडिग हैं। दिनांक 6-8-2005 को विपक्षी अमर सिंह मुरादनगर वादिनी की माता के घर आये, उस समय वादिनी व उसकी विधवा माता ही घर पर थे, जिन्होनें आते ही वादिनी को गालियां दी तथा दहेज की मांग की तथा कहा कि बिना मांग पूरी किये उनके घर आयी तो जान से मार देंगें। विनय त्यागी ने वादिनी को पेट में लात मारी थी, जिससे वादिनी बेहोश हो गयी तथा उसका अन्दरूनी चोट का इलाज चल रहा है। वादिनी दिनांक 6-8-2005 को थाना मुरादनगर में रिपोर्ट लिखाने गयी थी किन्तु पुलिस थाना मुरादनगर ने न तो वादिनी की रिपोर्ट लिखी तथा न ही अभियुक्तगण के विरूद्ध कार्यवाही की।

यथोक्त तथ्यों के आधार पर परिवादिनी श्रीमती नीरू ने अभियुक्तमण को तलब कर दण्डित करने की याचना की है।

परिवाद पत्र प्रस्तुत होने के पश्चात परिवादिनी श्रीमती नीरू के बयान अन्तर्गत धारा 200 दं. प्र. सं. लेखबद्ध किये गये, जिसमें परिवादिनी ने परिवादपत्र के तथ्यों का समर्थन किया।

इसके पश्चात परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण पी. डबलू,-1 राजलक्ष्मी देवी तथा पी. डबलू-2 तरूण त्यागी के बयान अन्तर्गत धारा 202 दं. प्र. सं. लेखबद्ध किये गये, जिन्होनें उक्त घटना के सम्बन्ध में पुष्टि की तथा अभियुक्तगण द्वारा अपराध उपरोक्त कारित करने की बाबत बयान किये।

पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर न्यायालय के आदेश दिनॉकित 6-6-2006 के अनुसार अभियुक्तगण विनय त्यागी तथा अमर सिंह त्यागी को अपराध अन्तर्गत धारा 498 ए/323/504/506 भा. दं. सं. तथा धारा ३/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम हेतु आहूत किया गया।

अभियुक्तगण के उपस्थित आने पर बयान अन्तर्गत धारा 244 दं. प्र. सं. लेखबद्ध किये गये। परिवादिनी की ओर से अन्तर्गत धारा 244 दं. प्र. सं. में स्वयम्‌ के बयान बतौर साक्षी पी. डबलू-1 लेखबद्ध कराया गया तथा पी. डब्लू-2 के रूप में सुधीर का बयान लेखबद्ध कराया गया। अन्य कोई साक्षी परिवादिनी श्रीमती नीरू की ओर से अन्तर्गत धारा 244 दं. प्र. सं. में परीक्षित नही कराया गया।

बयान अन्तर्गत धारा 244 दं. प्र. सं. लेखबद्ध किये जाने के पश्चात अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप अन्तर्गत धारा 498 ए,323/34,504,506 भा. दं. दिनांक 12-8-2011 को विरचित किया गया। अभियुक्तगण ने आरोप से इंकार कर विचारण की याचना की।

परिवादिनी को साक्षय अन्तर्गत धारा 246 दं. प्र. सं. का अवसर दिया गया। साक्षी पी. डबलू- श्रीमती नीरू के बयान लेखबद्ध किये गये। अन्य किसी साक्षी को प्रस्तुत नही किया गया। अतः साक्षय का अवसर समाप्त किया गया।

दौरान विचारण अभियुक्त अमर सिंह त्यागी की मृत्यु हो जाने के कारण न्यायालय के आदेश दिनांकित 26-4-2017 के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध वाद की कार्यवाही उपशमित की गयी।

तत्पश्चात अभियुक्त विनय के बयान अन्तर्गत धारा 313 दं. प्र. सं. लेखबद्ध किये गये। बयान अन्तर्गत धारा 313 दं. प्र. सं. में अभियुक्त ने घटना से इंकार करते हुए कथन किया कि शादी के कुछ समय बाद नीरू घर का काम करना नही चाहती थी। उसकी मां का बचपन में ही स्वर्गवास हो चुका था। इस साक्षी ने प्रतिरक्षा साक्षय देने का कथन किया किया। अभियुक्त की तरफ से प्रतिरक्षा साक्ष्य में साक्षी महावीर त्यागी को प्रस्तुत किया गया।

अभियुक्तगण की तरफ से अपने समर्थन में सूचीपत्र से आठ प्रपत्र दाखिल किये गये है, जिनमें बाहमी पंचायती फैसला की छायाप्रति, छायाप्रति राशन कार्ड, छायाप्रति सेविंग फण्ड पंजाब नेशनल बैंक, छायाप्रति सर्विस सर्टिफिकेट अमर सिंह, मूल चिकित्सीय प्रिस्क्रिप्शन अमर सिंह, नकल पिटिशन विनय बनाम नीरू अन्तर्गत धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम, नकल आदेश दिनांकित 21-10-2005 विनय बनाम नीरू तथा छायाप्रति राशन कार्ड अमर सिंह हैं। इसके अतिरिक्त अभियुक्तमण की तरफ से बाहमी पंचायती फैसला की प्रमाणित प्रति भी संलग्न की गयी है।

परिवादिनी की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नही हुआ। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्षय एवं सम्बन्धित प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया।…

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