संविधान क्या है? (Samvidhan Kya Hai): भारतीय संविधान की सरल व्याख्या

संविधान एक राष्ट्रीय संगठनात्मक रूप से मान्यता प्राप्त नियमों, सिद्धांतों तथा अधिकारों का संग्रह होता है जो किसी देश या संगठन के नागरिकों को निर्देशित करता है। संविधान एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जो राष्ट्रीय अस्तित्व, सरकारी संगठन, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों, संविधानिक न्यायपालिका तथा सरकार के कार्यप्रणाली को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है।

Samvidhan Kya Hai in Hindi

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Samvidhan Kya Hai in Hindi

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेदों (Articles) मौजूद है। यह भारतीय नागरिकों के अधिकार, सरकारी नीतियों, और न्यायपालिका को स्थापित करता है। संविधान देश के सभी नागरिकों को बराबरी, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी प्रदान करता है।

संविधान को संशोधित और समीक्षित किया जा सकता है ताकि समय-समय पर समाज के बदलते आवश्यकताओं और संकटों का सामना किया जा सके। एक देश के लिए उसका संविधान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वह आधार स्थापित करता है जो उस देश के सभी नागरिकों को संचालित करता है।

संविधान के क्या कार्य है? (What are the functions of the Constitution?)

दोस्तों भारतीय संविधान के कई कार्य है जिन में से कुछ कार्य निम्नलिखित है :

  • संविधान विश्वास और समन्वय की एक Degree उत्पन्न करता है जो विभिन्न प्रकार के लोगों के एक साथ रहने के लिए आवश्यक है।
  • संविधान यह निर्दिष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे किया जाएगा तथा किसके पास कौन से निर्णय लेने की शक्ति होगी।
  • यह सरकार की शक्तियों की सीमा तय करता है और नागरिकों के अधिकारों को बताता है।
  • संविधान एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए लोगों की आकांक्षाओं को पूरी करता है।
  • संविधान सरकार के उद्देश्यों को स्पष्ट करता है।
  • संविधान शासन की संरचना को स्पष्ट करता है।
  • यह नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
  • संविधान राज्य को वैचारिक समर्थन और वैधता प्रदान करता है।
  • यह भविष्य को देखते एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करता है।
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संविधान के कितने प्रकार होते है?  (Types Of Indian Constitution)

दोस्तों आज के लेख में हम आपको संविधान के 4 प्रकार से वर्गीकृत के बारे में बताएंगे।

केंद्र राज्य सबंध आधारित प्रकार

  • परिसंघीय (Confederal)
  • संघीय (Federal)
  • एकात्मक (Unitary)

विधायिक और कार्यपालिका सबंध आधारित प्रकार

  • संसदीय प्रणाली (Parliamentary)
  • राष्ट्रपति प्रणाली (Presidential)

परिवर्तनशीलता आधारित प्रकार

  • लचिलू (Flexible)
  • कठोर (Rigid)

निर्माण प्रक्रिया आधारित प्रकार

  • लिखित & निर्मित (Written & Enacted)
  • अलिखित & विकसित (Unwritten & Evolved)

लिखित एवं विस्तृत संविधान

संविधान को लिखने और लागू करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। मूल रूप से भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद हैं जो की 8 अनुसूचियों के साथ 22 भागों में विभाजित हैं।

संविधान की विशेषताएँ

दोस्तों भारतीय संविधान की विशेषताए निम्नलिखित है:

  1. भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है: संविधान को अपनाने के साथ ही भारत संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र बन गया। भारत आंतरिक और बाहरी दोनों ही क्षेत्रों में पूर्ण स्वतंत्रता और मेहनत के साथ कार्य करने के लिए सशक्त है।
  2. एकात्मक और संघीय विशेषताएं: भारत का संविधान भारत को राज्यों के संघ के रूप में वर्णित करता है और एकात्मक भावना के साथ एक संघीय ढांचे का प्रावधान करता है।
  3. नोबेल लक्ष्य और उद्देश्य: भारतीय संविधान अपने देश के सभी नागरिकों को न्याय, सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक मामले में  सुरक्षित करता है। यह अपने नागरिकों को विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास और पूजा की स्वतंत्रता भी प्रदान करता है।
  4. संसदीय सरकार: संविधान ने केंद्र और राज्य स्तर पर सरकार की ब्रिटिश संसदीय प्रणाली की शुरुआत की थी।
  5. स्वतंत्र न्यायपालिका: भारत का संविधान ने भारतीयों के लिए स्वतंत्र और एकीकृत न्यायपालिका प्रदान करता है।
  6. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत: संविधान के अनुच्छेद 36 से 51 तक भाग IV में राज्य की नीति के रूप में कुछ निदेशक सिद्धांत दिए गए है। निर्माताओं ने इन सिद्धांतों कोआयरिश संविधान से प्राप्त किया है। ये सिद्धांत भारत को एक कल्याणकारी, गांधीवादी और उदारवादी राज्य में बदल देंगे की ताकत रखते है।
  7. मौलिक अधिकार: मौलिक अधिकारों को हमारे संविधान के कला 12 से 35 तक भाग III के तहत शामिल किया गया है। वर्तमान समय में देश के संविधान के मुताबिक 6 मौलिक अधिकार हैं।
  8. मौलिक कर्तव्य: भारत देश के संविधान के अंदर मौलिक कर्तव्यों को भी शामिल किया गया है। किसी भी देशवासी के जीवन में मौलिक कर्तव्य काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  9. एकल नागरिकता: हमारे भारत देश का संविधान उन सभी व्यक्तियों को एकल नागरिकता प्रदान करता है जो भारत में पैदा हुए हैं या जो एक विशिष्ट अवधि के लिए भारत में रहे हैं।
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संविधान का उद्देश्य

संविधान के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है :

  • सरकारी संरचना: संविधान भारत सरकार की संरचना को परिभाषित करता हैं। सरकार की शाखाओं (जैसे की कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शाखाएं) उनकी शक्तियों और वह कैसे कार्य करते  हैं, इस चीज़ को को निर्दिष्ट करता हैं।
  • अधिकार और स्वतंत्रता: संविधान में अक्सर अधिकारों का बिल या मौलिक स्वतंत्रता की घोषणा शामिल होती है जो की देश के नागरिकों को दिए गए अधिकारों और सुरक्षा को रेखांकित करती है। इनमें बोलने की स्वतंत्रता, धर्म और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार शामिल होता है।
  • कानून का शासन: संविधान एक कानूनी ढांचा प्रदान करके कानून का शासन स्थापित करता है जिसका सरकारी अधिकारियों सहित सभी नागरिकों को पालन करना होता है। संविधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हर व्यक्ति को बराबर का दंड दिया जायेगा।
  • सरकारी शक्ति को सीमित करना: संविधान में अक्सर सरकार की किसी एक शाखा को अत्यधिक शक्तिशाली बनने से रोकने के लिए जाँच और संतुलन शामिल होती है। इस से समाज में सरकारी व्यवस्था बनाये रखने में मदद मिलती है।
  • संशोधन प्रक्रिया: यह अधिकांश संविधानों में बदलती परिस्थितियों या सामाजिक आवश्यकताओं के अनुकूल दस्तावेज़ में संशोधन या संशोधन करने की एक व्यवस्था होती है।

Samvidhan Kya Hai? (FAQ)-

उत्तर: संविधान एक ऐसा दस्तावेज़ है जो किसी राष्ट्र के नागरिकों को उनके अधिकार, कर्तव्यों, और सरकार के संबंध में मार्गदर्शन करता है। यह राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक नीतियों का संरचना और प्रबंधन करने का तरीका तय करता है।

उत्तर: भारतीय संविधान का निर्माण भारतीय संविधान सभा द्वारा किया गया था जिसका नेतृत्व डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने किया था। यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से ही भारत गणराज्य के रूप में जाना जाता है।

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उत्तर: संविधान का मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार और कर्तव्यों का स्पष्टीकरण करना है और समाज में न्याय, सामाजिक समानता, और सामृद्धि को सुनिश्चित करना है।

उत्तर: संविधान में कुछ महत्वपूर्ण अधिकार जैसे कि जीवन, स्वतंत्रता, समानता, धर्मनिरपेक्षता, और शिक्षा के अधिकार हैं जो नागरिकों को सुरक्षित रखने का कारण करते हैं।

उत्तर: संविधान संशोधन के लिए संविधान में निर्धारित प्रक्रिया के तहत, संसद द्वारा एक विशेष बहस और अधिकार से किया जाता है। इसमें बहुमत और स्पष्ट बहुमत के साथ संशोधन करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

दोस्तों संविधान देश की नींव होती है जो राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति को निर्धारित करता है और नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के लिए उनका मार्गदर्शन करता है।

किसी भी देश के लिए संविधान बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको हमारा लेख पसंद आया हो तो Like ज़रूर करे। अगर आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल हो तो Comment कर के ज़रूर बताये। हमारा लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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