दोस्तों, आपने कभी ना कभी एफिडेविट का नाम जरुर सुना होगा। कई प्रकार की कानूनी प्रक्रिया में एफिडेविट का इस्तेमाल किया जाता है, इसके अलावा शादी, जन्म और राशन कार्ड से संबंधित कार्यों में भी एफिडेविट की जरूरत होती है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि एफिडेविट क्या होता हैं? अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है और आप Affidavit Kya Hota Hai? के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही स्थान पर आए हैं।
आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि एफिडेविट क्या होता है, एफिडेविट कितने प्रकार के होते हैं, एफिडेविट का क्या उद्देश्य होता है यानि कि एफिडेविट क्यों बनवाया जाता है और हम बात करेंगे कि एफिडेविट की भाषा क्या होती है या कौन सी भाषा में एफिडेविट आप बनवा सकते हैं? ऐसे में अगर आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को पूरा ध्यान से पढ़ें।
![शपथपत्र क्या होता है? (Affidavit Kya Hota Hai)- ये कितने प्रकार के होते हैं? 1 Affidavit Kya Hota Hai](https://courtjudgement.in/wp-content/uploads/2023/12/affidavit_kya_hota_hai-1.webp)
एफिडेविट क्या होता है?- (Affidavit Kya Hota Hai?)
यदि कोई आदमी किसी काम को करने के लिए या उसको ना करने के लिए अपनी खुद की मर्जी से लिखित रूप में घोषणा करता है तो उसको शपथपत्र, एफिडेविट या हलफनामा कहते हैं। लेकिन यह घोषणा किसी ऐसे आदमी के सामने की जाती है जो कानून के अंतर्गत हो।
सबसे पहले शपथ कर्ता को नोटरी के पास जाना होता है और उसको अपने बयान देना होता है और नोटरी आपका पूरा बयान शपथ पत्र के अंदर लिखेगा और वह बिल्कुल सच होगा। और फिर उसके बाद आपको उसके ऊपर साइन करने होते हैं और फिर उसके बाद नोटरी आपके शपथ पत्र की अटेस्टेड करेगा यानि कि अपने फाइल में उसको भी लिखेगा और उसके बाद आपका शपथ पत्र मान्य होगा।
एफिडेविट कितने प्रकार के होते हैं?
आपको बता दे की एफिडेविट एक नहीं बल्कि तीन प्रकार के होते हैं, इनका इस्तेमाल अलग-अलग जगह पर अलग-अलग कार्यों में किया जाता है। एफिडेविट के तीन प्रकार निम्न होते हैं:-
- सबसे पहला एफिडेविट वह होता है:- जब हम किसी सरकारी या गैर सरकारी ऑफिस में शपथ के रूप में देते हैं। सरकारी या गैर सरकारी आफिस में देने वाले एफिडेविट शादी, जन्म, राशनकार्ड आदि बनवाने से संबंधित होते हैं। इसे एफिडेविट का इस्तेमाल कोर्ट में भी हो सकता है और अर्धन्यायिक संस्था में भी कर सकते हैं। लेकिन इस एफिडेविट का बयान बिल्कुल सच होना चाहिए, नहीं तो आपका शपथ पत्र रद भी किया जा सकता है।
- दूसरा एफिडेविट वह होता है:- जो हम कोर्ट में देते हैं। यह एफिडेविट दो तरह का होता है। इसमें कोर्ट के नियमों के अनुसार शपथ कर्ता को अपने बोलने वाली बात लिख करके देनी होती है। पहला एफिडेविट कोर्ट में गवाही के रूप में दिया जाता है। यह ज्यादातर चेक बाउंसिंग के केस में या सिविल केस के रूप में दिया जाता है ये साधारण एफिडेविट के जैसा ही होता है। लेकिन इसके ऊपर कोर्ट का नाम लिखा हुआ होता है। इसको नए केस या एप्लीकेशन के साथ कोर्ट में दिया जाता है और दूसरा एफिडेविट वह होता है जो कोर्ट में गवाही के लिए दिया जाता है और इसमें शपथ कर्ता अपने कोर्ट में गवाही की बातें लिखता है। यह एफिडेविट सभी कोर्ट में चलता है।
- यह एफिडेविट हलफनामा के रूप में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में दिया जाता है। इस एफिडेविट में शपथ कर्ता अपने कहे जाने वाली बात को लिख करके सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में देता है।
एफिडेविट का उद्देश्य या एफिडेविट आपको क्यों बनवाना चाहिए?
एफिडेविट का साधारण सा मतलब यह होता है कि कोई आदमी अपनी बात को शब्दों में लिख करके किसी सरकारी या गैर सरकारी अधिकारी या कोर्ट के सामने लिखित रूप में यह कहता है कि शपथ कर्ता जो भी कह रहा है, वह अपनी खुद की मर्जी से कह रहा है। वह बिल्कुल सच है और उसके ऊपर उसके लिए कार्रवाई की जानी चाहिए और The Ohths एक्ट 1969 के तहत जो भी बातें एफिडेविट में लिखी गई हैं, वह बातें पूरी तरह से सच होती हैं।
एफिडेविट का इस्तेमाल कोर्ट में भी किया जा सकता है और दूसरी अथॉरिटी जैसे कि एमसीडी या डीडीए के सामने भी किया जा सकता है। इसके अलावा एफिडेविट का इस्तेमाल गैर सरकारी ऑफिस में देने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा शादी, जन्म या राशन कार्ड आदि बनवाने हेतु भी एफिडेविट का ही इस्तेमाल किया जाता है।
एफिडेविट किस किस भाषा में बनवा सकते हैं?
यदि आप एफिडेविट बनवाना चाहते हैं तो उसके लिए आप हिन्दी, इंग्लिश या अपने राज्य की किसी लोकल भाषा में एफिडेविट बनवा सकते हैं। लेकिन यदि आप सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में एफिडेविट देना चाहते हैं तो उसके लिए आपको इंग्लिश में ही देना होता है। लेकिन आप हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से परमिशन लेकर वहां पर वह भी अपनी राज्य की लोकल भाषा में एफिडेविट दे सकते हैं। लेकिन उसके लिए पहले आपको सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट से इजाजत लेनी होगी।
संबधित सवाल जवाब – FAQs
उत्तर: एफिडेविट एक नोटरीज्ड दस्तावेज है जिसमें व्यक्ति खुद अपने दावे या बयान को स्वीकृति देता है।
उत्तर: एफिडेविट को सख्ती से विधि द्वारा मान्यता प्राप्त करने और सत्यता सुनिश्चित करने के लिए बनाया जाता है।
उत्तर: एफिडेविट में व्यक्ति का नाम, पता, दावा का सटीक विवरण और उसकी स्वीकृति शामिल होती है।
उत्तर: नहीं, एफिडेविट की सामान्य फॉर्म होती है, लेकिन उसमें शामिल जानकारी व्यक्ति और मामले के आधार पर भिन्न हो सकती है।
उत्तर: एफिडेविट नोटरी वकील के सामने जाकर तैयार किया जाता है और उसे विधि द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
उत्तर: हाँ, एफिडेविट में गलती हो सकती है, इसलिए सत्यता की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।
उत्तर: एफिडेविट एक साक्षात्कार नहीं होता, लेकिन यह व्यक्ति के दावे को स्वीकृति देने का एक विधिपूर्ण रूप है।
उत्तर: हाँ, एफिडेविट को कोर्ट में साक्षात्कार के रूप में प्रमाणपत्र के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
उत्तर: एफिडेविट की फीस विभिन्न स्थानों और व्यक्तियों के आधार पर अलग हो सकती है, इसलिए सही जानकारी के लिए स्थानीय नोटरी से पूछें।
उत्तर: एफिडेविट का उपयोग विभिन्न मामलों में किया जा सकता है, जैसे कि संपत्ति विवाद, वित्तीय सवाल, या किसी बैंक के साथ समस्याएं आदि।
उत्तर: आमतौर पर, आपकी पहचान प्रमाण पत्र और संबंधित मामले की जानकारी के साथ कोई डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष:
दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको बताया है कि Affidavit Kya Hota Hai? दोस्तों एफिडेविट का इस्तेमाल कोई भी कानूनी प्रक्रिया में किया जाता है, इसके अलावा इसका इस्तेमाल और भी कई जरूरी चीजों में किया जाता है। इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरा नाम Advocate Ashutosh Chauhan हैं, मैं कोर्ट-जजमेंट (courtjudgement) वेबसाईट का Founder & Author हूँ। मुझे लॉ (Law) के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इस वेबसाईट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य आम लोगो तक कानून की जानकारी आसान भाषा में पहुँचाना है। अधिक पढ़े…