यह विचारण थाना रेहड़ जिला बिजनौर के विवेचक द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित करने पर आरम्भ हुआ।
संक्षेप में अभियोजन का कथानक इस प्रकार है कि वादनी जसप्रीत कौर की शादी कुलदीप सिंह के साथ सिख रीति-रिवाज से दिनांक 02-03-2001 को हुई थी। जिसमें दहेज में सामान दिया, जिससे आरोपीगण खुश नहीं थे तथा पांच लाख रूपये नकद की मांग करने लगे और प्रताड़ित किया। दिनांक 20-07-2002 को दहेज को लेकर मारा-पीटा तथा घर से निकाल दिया। उक्त समय वादनी गर्भवती थी। पुत्री का जन्म 22-08-2002 को मायके में हुआ। उसको देखने के लिए भी कोई नहीं आया। दिनांक 07-07-2006 को समय 11:00 बजे दिन आरोपीगण कुलदीप सिंह, चरन सिंह, श्रीमती सरजीत कौर, सतनाम सिंह व भोली एक अन्य व्यक्ति को लेकर वादी के पिता के घर आये और कुलदीप सिंह ने कहा कि उच्च अधिकारियों को शिकायती प्रार्थना पत्र क्यों भेजा। उसने कहा कि वह पत्नी धर्म अदा करने को तैयार है तो इससे नाराज हो गये और रूपये की मांग की। वादनी ने असमर्थता जाहिर की तो उसे मारा पीटा तथा धमकी दी कि यदि पैसा नहीं दिया तो मार डालेंगे।
वादनी द्वारा लिखित तहरीर प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156(3) जाब्ता फौजदारी न्यायालय प्रस्तुत किया, जिसपर दिनांक 27-07-2006 को न्यायालय द्वारा विवेचना का आदेश पारित किया गया।
न्यायालय के उपरोक्त आदेश के अनुपालन में चिक संख्या 47/06 अन्तर्गत अपराध संख्या 465सी, /06 धारा 498a, 323, 506 भा0द0सं0 व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम दिनांक 06-08-2006 समय 13:50 बजे विरूद्ध कुलदीप सिंह, चरन सिंह, सरजीत कौर, सतनाम सिंह और भोली पंजीकृत की गयी।
उपरोक्त का तस्करा कायमी जी0 डी0 संख्या 28 समय 1350 बजे दिनांक 06-08-2006 में किया गया।
विवेचक द्वारा वादनी मुकदमा व गवाहान के बयानात लिये, घटनास्थल का निरीक्षण और आवश्यक सबूत संकलित कर मुल्जिमान के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध पाये जाने पर पृथक-पृथक आरोप पत्र मुकदमा अपराध संख्या 465सी/06 अन्तर्गत धारा 498a, 323, 506 भाएंद0सं) व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम विरुद्ध चरन सिंह उर्फ गुरूचरन सिंह, सरजीत कौर, भोली, सतनाम सिंह और कुलदीप सिंह न्यायालय दाखिल किये गये।
तत्समय प्रस्तुत आरोप-पत्र पर प्रसंज्ञान लेने के पश्चात् न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण को तलब किया गया, अभियुक्तगण चरन सिंह उर्फ गुरूचरन सिंह, सरजीत कौर, भोली, सतनाम सिंह और कुलदीप सिंह हाजिर आये। अभियुक्तगण चरन सिंह उर्फ गुरूचरन सिंह, सरजीत कौर और भोली के विरूद्ध अन्तर्गत दफा 498a, 323, 506 भा0दं0सं0 व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का आरोप दिनांक 12-11-2008 व अभियुक्तगण सतनाम सिंह और कुलदीप सिंह के विरूद्ध आरोप दिनांक 30-09-2010 को विरचित किया गया। आरोप अभियुक्तगण को पढ़कर सुनाया व समझाया गया, जिससे अभियुक्तगण ने इंकार किया और विचारण की मांग की।
अभियोजन द्वारा पी0 डब्लू01 जसप्रीत कौर, पी0 डब्ल्यू02 हरदीप सिंह, पी0 डबल्यू03 डॉ0० शमीम अहमद, पी0 डबल्यू04 श्याम सिंह और पी0 डब्ल्यू05 हेड कां0 राकेश शर्मा को बतौर तात्विक व औपचारिक साक्षी परीक्षित कराया।
अभियुक्तगण चरन सिंह उर्फ गुरूचरन सिंह, सरजीत कौर, भोली, सतनाम सिंह और कुलदीप सिंह के बयान अन्तर्गत धारा 313 दं0प्रणससं) दिनांक 27-04-2016 को अंकित किये गये। अभियुक्तगण ने अपने बयान में घटना और साक्ष्य के सम्बन्ध में इन्कार कहा।
सहायक अभियोजन अधिकारी और अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली का सम्यक् परायण किया।..