IPC 148 in Hindi – दोस्तों, भारत एक ऐसा देश है जिसमे लोग आज के समय में भी अपनी पुरानी संस्कृति नहीं भूले है। भारत का कानून सभी लोगो को एक सामान मानता है, चाहे वो मेल हो या फीमेल। लेकिन कुछ लोग गलत लोगो के बहकावे में आकर गलती कर देते है। जैसे कोई ग्रुप जिसमे पांच या उससे ज्यादा व्यक्ति है। वो ग्रुप कोई बल्वा (दंगा फसाद) कर रहा है और उस ग्रुप में किसी व्यक्ति के पास कोई हथियार है, जिससे किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है। तो ऐसे में क्या उनको सजा मिलेगी? इसके लिए भी कोई कानून बना है? जी हाँ इसके लिए भी हमारे कानून में सजा का प्रावधान है। ये भी एक अपराध है। तो आज के इस आर्टिकल में हम इसके बारे में चर्चा करने वाले है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 148 के अनुसार-
घातक आयुध से सज्जित होकर बल्वा करना- “जो कोई घातक आयुध से, या किसी ऐसी चीज से जिससे आक्रामक आयुध के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी संभाव्य हो, सज्जित होते हुए बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।”
IPC 148 in Hindi- ये धारा कब लगायी जाती है?
आईपीसी की धारा 148 में “घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना” के बारे में और ऐसा करने पर क्या सजा मिलेगी इसके बारे में बताया गया है। अब आप सोच रहे होंगे की ये क्या है? इसको मैं सिंपल भाषा में समझाने की कोशिश करता हूँ। आशा करता हूँ आपके सभी डॉउट क्लियर हो जायेंगे।
आईपीसी की धारा 148 कहती है, कि अगर किसी ग्रुप के व्यक्ति किसी जगह पर बल्वा (दंगा फसाद) करते है, और उनमे से किसी व्यक्ति के पास (दंगा करते टाइम) कोई हथियार है। (हथियार कोई भी हो सकता है। जैसे बंदूक है, चाकू है, कोई लाठी है) मतलब ऐसा कोई भी हथियार जिससे किसी और व्यक्ति की जान जाने का खतरा हो सकता है। तो कोई भी हथियार लेकर अगर वह दंगे में शामिल होता है, तब उसको इस धारा के तहत सजा मिलेगी।
पांच या पांच से ज़्यादा लोगों का समूह जो तोड़ फोड़ कर रहे है, गाड़ियां जला रहे हैं, लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं, दंगा फसाद कर रहे हैं। अगर वो व्यक्ति उस ग्रुप को ज्वाइन कर लेता है, उन लोगों के साथ हो लेता है, और उसके पास कोई वेपन (हथियार) भी है, तब उसको इस धारा के तहत दोषी माना जायेगा और उसको सजा मिलेगी। इसको मैं एक उदहारण देकर समझता हूँ, आपको बिल्कुल क्लियर हो जायेगा।
उदाहरण-
मान लीजिए राज्य सरकार ने कोई बिल पास किया कुछ लोग उस बिल के खिलाफ थे। उन लोगो ने एक ग्रुप बनाया और उस बिल के खिलाफ धरना स्टार्ट कर दिया। उस धरने में दस लोग वेपन (हथियार) के साथ आये। जिन लोगो के पास वेपन (हथियार) थे उन्होंने बल्वा (दंगा फसाद) करना स्टार्ट कर दिया जैसे गाड़िया जलानी शुरू कर दी और कुछ आम लोगो के साथ भी मार पिटाई शुरू कर दी। तब ऐसे में उन सभी लोगो पर (जिनके पास वेपन (हथियार) थे) इस धारा के तहत करवाई की जाएगी और उन सभी लोगो को सजा मिलेगी।
ये एक छोटा सा उदहारण मैंने आपको दिया। आप सोच रहे होंगे की जिन दस लोगो के पास वेपन (हथियार) थे उनको तो सजा मिल जाएगी किन्तु बाकि लोगो का क्या होगा? जो उस धरने में थे जिनके पास वेपन (हथियार) नहीं थे। तो इसके लिए मैंने एक आर्टिकल आईपीसी की धारा 146 पर लिखा है आप उसको रीड कीजिए आपको सब समझ में आ जायेगा। क्योंकि धारा 146, 147, और धारा 148 एक दूसरे से कनेक्ट है।
लागू अपराध-
अगर कोई ग्रुप के साथ दंगा फसाद कर रहा है, और उसके पास वेपन (हथियार) भी है, तो उस व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 148 के तहत तीन साल तक की सजा (punishment) का प्रावधान है, या फाइन भी लग सकता है, या फिर तीन साल तक की सजा और साथ में फाइन दोनों भी हो सकते हैं। ये जज साहब के विवेक पर डिपेंड करेगा।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना | 3 साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। | यह एक संज्ञेय अपराध है। | यह एक जमानतीय (Bailable) अपराध है। | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
IPC 148 में जमानत देने का क्या प्रावधान है?
आईपीसी की धारा 148 एक Bailable Offense है, Bailable का मतलब क्या होता है? Bailable का मतलब होता है, कि यह जमानतीय अपराध है। इसमें जमानत पुलिस थाने में ही हो जाएगी मतलब जमानत के लिए आपको कोर्ट जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी जमानत पुलिस थाने में ही हो जाएगी।
यह एक Cognizable (संज्ञेय) Offense है। Cognizable (संज्ञेय) का मतलब होता है, कि पुलिस बिना वारंट के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती है।
यह एक गैर-समझौता वादी अपराध है। इसमें समझौता नहीं किया जा सकता। कुछ अपराध ऐसे होते हैं, जिनमें समझौता हो सकता है। लेकिन यह गैर-समझौता वादी है।
इसमें अपना बचाव कैसे करे?
इसमें अपना बचाव करने के लिए, मैं आपको कुछ पॉइंट बता रहा हूँ।
- यदि कोई भी व्यक्ति चाहे वो आपका दोस्त हो या फ़ैमिली मेंबर हो, अगर वो आपको किसी ऐसी सभा या आंदोलन में लेकर जा रहा है, और आप ये बात जानते है, की उस सभा में दंगा फसाद जरूर होगा। तो आपको उस सभा में नहीं जाना चाहिए बल्कि उनको भी रोकना चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति ऐसी सभा या आंदोलन में जा रहा है तो वंहा पर कोई वेपन (हथियार) आपने साथ न लेकर जाये। अगर उस व्यक्ति को ऐसा लगता है, की यंहा पर दंगा फसाद होने वाला है, तो उस व्यक्ति को उस सभा या आंदोलन से निकल जाना चाहिए।
- यदि आप निर्दोष है, और आप पर आईपीसी की यह धारा लग गयी है, तो घबराए नहीं किसी अच्छे वकील को अपने केस के लिए नियुक्त करे।
- यदि आप निर्दोष है, और आपके पास सबूत है, तो उन सभी एविडेन्स को संभाल के रखे और अपने वकील को दे।
- नोट: अपने आप को बचाने के लिए कोर्ट में झूठा गवाह या सबूत पेश न करें। नहीं तो आप और जायदा फस सकते है।
FAQs:-
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 148 के तहत क्या अपराध है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 148 अपराध:- घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना।
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 148 में कितनी सजा का प्रावधान है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 148 के तहत तीन साल तक की सजा (punishment) का प्रावधान है, या फाइन भी लग सकता है, या फिर तीन साल तक की सजा और साथ में फाइन दोनों भी हो सकते हैं।
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 148 जमानती अपराध है या गैर-जमानती अपराध है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 148 एक जमानती अपराध है।
प्रश्न:- आईपीसी की धारा 148 संज्ञेय अपराध है या गैर-संज्ञेय अपराध है?
उत्तर:- आईपीसी की धारा 148 एक Cognizable (संज्ञेय) अपराध है।
प्रश्न:- क्या आईपीसी की धारा 148 में समझौता किया जा सकता है?
उत्तर:- नहीं, आईपीसी की धारा 148 एक गैर-समझौता वादी अपराध है। इसमें समझौता नहीं किया जा सकता।