धारा 1 क्या है? (IPC 1 in Hindi)
भारतीय दंड संहिता की धारा 1 के अनुसार यह अधिनियम भारतीय दण्ड संहिता कहलाएगा। इस धारा का विस्तार भारत के सभी राज्यों और सभी केद्र शासित प्रदेशों तक रहेगा। कहने का मतलब ये है की अब पुरे भारत में ये कानून लागू होगा। क्योंकि पहले ये जम्मू एवं कश्मीर पर लागु नहीं होता था। जब से अनुच्छेद 370 को हटाया है जब से जम्मू एवं कश्मीर पर भी ये लागु हो गया है।
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 1 के अनुसार :-
संहिता का नाम और उसके प्रवर्तन का विस्तार:- “यह अधिनियम भारतीय दण्ड संहिता कहलाएगा, और इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर होगा।”
Title and extent of operation of the Code:- “This Act shall be called the indian Penal Code, and shall extend to the whole of India except the State of Jammu and Kashmir.”
इस प्रकार पुरे भारत में जितने भी न्यायालय है उनमें दण्ड का निर्धारण भारतीय दण्ड विधि के अनुसार ही तय किया जायेगा। आज़ादी से पहले भारत में काफी सारी रियासतें थी ओर उन रियासतो में उनका स्थानीय कानून लागु होता था। ब्रिटिश शासन भी काफी क्षेत्रों में था जिस क्षेत्रों ब्रिटिश शासन था, वंहा ये धारा लागु होती थी। परन्तु जब भारत आज़ाद हुआ तब रियासतों का भारत में धीरे-धीरे विलीनीकरण होता चला गया। जो रियासत स्वतंत्र भारत में विलीन हो जाती थी वंहा ये कानून लागु हो जाता था। आज़ादी के बाद धीरे-धीरे सभी रियासतों का भारत में विलीनीकरण हो गया बस जम्मू एवं कश्मीर को छोर्ड कर क्योंकि उस समय के राजा (जम्मू एवं कश्मीर) भारत के साथ विलीनीकरण नहीं चाहते थे। वो जम्मू एवं कश्मीर को अलग देश बनाना चाहते थे। फिर बाद में कुछ समझौता हुए उसमे से एक समझौता ये था की न्याय व्यवस्था का संचालन वहाँ की स्थानीय विधि के अनुसार ही होता रहेगा ।
लेकिन हाल ही में अनुच्छेद 370 को हटाया गया। ओर तब से जम्मू एवं कश्मीर में भी भारतीय दंड संहिता लागु कर दी गयी।
महत्वपूर्ण आईपीसी धाराएं-
आईपीसी धारा 498A | आईपीसी धारा 323 | आईपीसी धारा 18 |
आईपीसी धारा 21 | आईपीसी धारा 27 | आईपीसी धारा 30 |
आईपीसी धारा 40 | आईपीसी धारा 42 | आईपीसी धारा 48 |
आईपीसी धारा 52 | आईपीसी धारा 72 | आईपीसी धारा 83 |